शुक्रवार, 14 फरवरी को वैश्विक सोने की कीमतों में तेजी के बावजूद, गोल्ड से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। कल्याण ज्वेलर्स, मुथूट फाइनेंस और सेंको गोल्ड को भारी नुकसान हुआ।
इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर नए टैरिफ लगाना बताया जा रहा है।
सेंको गोल्ड में 20% की भारी गिरावट
सेंको गोल्ड के शेयरों में 20% की गिरावट आई, जिससे इसका इंट्राडे लो ₹357.60 प्रति शेयर तक पहुंच गया, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह ₹446.95 प्रति शेयर था।
गिरावट की मुख्य वजह कंपनी के Q3 FY24 के कमजोर तिमाही नतीजे रहे।
कंपनी का शुद्ध लाभ (Net Profit) 69.4% घटकर ₹33.4 करोड़ रह गया, जो Q3 FY23 में ₹109.3 करोड़ था।
EBITDA 56% गिरकर ₹79.96 करोड़ रह गया, जबकि Q3 FY23 में यह ₹181.1 करोड़ था।
हालांकि, ऑपरेशनल रेवेन्यू (Revenue from Operations) 27.3% बढ़कर ₹2,102.5 करोड़ हो गया, जो Q3 FY23 में ₹1,652.2 करोड़ था।
कल्याण ज्वेलर्स और मुथूट फाइनेंस में भी गिरावट
कल्याण ज्वेलर्स के शेयर 5% तक गिरे, जिससे इसका निचला स्तर ₹500.75 प्रति शेयर तक पहुंच गया, जबकि पिछले दिन यह ₹526.46 प्रति शेयर था।
मुथूट फाइनेंस में 4.69% की गिरावट दर्ज की गई, और इसका शेयर ₹2,210.65 प्रति शेयर तक लुढ़क गया, जबकि पिछला बंद भाव ₹2,319.35 था।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी, लेकिन शेयरों पर दबाव क्यों?
हालांकि, स्पॉट गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही हैं, लेकिन सोने से संबंधित शेयरों में गिरावट देखी गई।
ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले से वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बढ़ी, जिससे निवेशकों ने सोने को सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) के रूप में चुना, जिससे इसकी कीमतों में उछाल आया।
गोल्ड की कीमतें और गोल्ड-रिलेटेड शेयर हमेशा एक ही दिशा में नहीं चलते।
ऊंची गोल्ड कीमतें ज्वेलरी और गोल्ड फाइनेंस कंपनियों की रेवेन्यू बढ़ा सकती हैं, लेकिन इससे खरीद लागत (Procurement Cost) भी बढ़ती है, जिससे मार्जिन पर दबाव पड़ता है।
अगर सोने की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ती हैं, तो यह खपत (Consumer Demand) पर नकारात्मक असर डाल सकती है, जिससे बिक्री में गिरावट हो सकती है।
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