क्या सीएम बीरेन सिंह ने भड़काई हिंसा? सुप्रीम कोर्ट ने फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ कथित रूप से जातीय हिंसा भड़काने वाले ऑडियो क्लिप की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया है। इन ऑडियो टेप्स की फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना होगा, क्योंकि इन टेप्स में कथित तौर पर सिंह को लूटपाट की अनुमति देने और कुछ समूहों को सुरक्षा प्रदान करने की बात कहते सुना गया है।

मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से जुड़ी ऑडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक जांच की मांग की है। केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) द्वारा इन टेप्स की रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत की जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह आदेश जारी किया।

ऑडियो टेप्स में क्या है?

LiveLaw की रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट में ऑडियो टेप प्रस्तुत किए, जिनकी सत्यता “Truth Labs” ने 93 प्रतिशत से अधिक प्रमाणिकता के साथ पुष्टि की।

भूषण का दावा है कि इन रिकॉर्डिंग्स में मुख्यमंत्री को यह कहते सुना गया कि उन्होंने मैती समूहों को राज्य के शस्त्रागार से लूटपाट करने और गिरफ्तारी से बचाने की अनुमति दी।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री की यह टिप्पणियां एक बंद कमरे की बैठक के दौरान की गई थीं और किसी ने इन्हें रिकॉर्ड करके लीक कर दिया। भूषण ने इसे “गंभीर मुद्दा” बताया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जातीय हिंसा को भड़काने और बढ़ावा देने में शामिल थे।

 प्रतिक्रियाकेंद्र सरकार की

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने प्रारंभिक आपत्ति जताई कि याचिकाकर्ता को पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था। उन्होंने यह भी बताया कि FIR दर्ज की जा चुकी है और जांच जारी है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि जांच एजेंसी ने उन ट्विटर अकाउंट्स से संपर्क किया जिन्होंने ऑडियो क्लिप्स अपलोड किए थे, और इन टेप्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

इसके अलावा, मेहता ने दलील दी कि याचिकाकर्ता का एक “विशिष्ट वैचारिक रुख” है और उसकी मानसिकता “विभाजनकारी” है।

मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने पूछा, “फॉरेंसिक साइंस लैब (SFL) की रिपोर्ट कब आएगी?” इस पर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि रिपोर्ट बाद के चरण में पेश की जा सकती है।

मणिपुर में उग्रवादी की गिरफ्तारी

मणिपुर के इम्फाल वेस्ट जिले में पुलिस ने प्रतिबंधित कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) के एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पकड़े गए उग्रवादी की पहचान 29 वर्षीय लैहाओथाबम नानाओ शर्मा के रूप में हुई है।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, वह सरकारी कर्मचारियों, दुकानदारों और आम जनता से जबरन वसूली में शामिल था, खासकर ग्रेटर इम्फाल क्षेत्र में।

मणिपुर के मुख्यमंत्री को जातीय हिंसा से जोड़ने वाले ऑडियो क्लिप पर सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top