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26वें कारगिल विजय दिवस समारोह पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का संबोधन

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26वें कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई 2025) के अवसर पर, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लद्दाख के द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर एक भावपूर्ण और प्रेरक संबोधन दिया। उनके भाषण में 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि, ऑपरेशन विजय की ऐतिहासिक जीत, हाल के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, और भारतीय सेना के भविष्य के लिए आधुनिकीकरण योजनाओं पर जोर दिया गया। हालांकि, उनके पूर्ण भाषण का शब्दशः हिंदी अनुवाद उपलब्ध नहीं है, लेकिन विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर उनके संबोधन के प्रमुख बिंदुओं का हिंदी में सारांश निम्नलिखित है:

जनरल उपेंद्र द्विवेदी के संबोधन के प्रमुख बिंदु (हिंदी में):

  1. शहीदों को श्रद्धांजलि:
    • जनरल द्विवेदी ने कारगिल युद्ध के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “आज मैं इस पवित्र युद्धभूमि द्रास में खड़े होकर गर्व और भावुकता महसूस कर रहा हूँ, जहाँ हमारे वीर सैनिकों ने राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।”
    • उन्होंने शहीदों के परिवारों, वीर नारियों और उनके माता-पिता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, यह कहते हुए कि “आपने देश को अपने वीर सपूत दिए; आपका साहस, धैर्य और बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा है।”
  2. ऑपरेशन विजय (1999) की ऐतिहासिक जीत:
    • जनरल द्विवेदी ने 1999 के कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय की अभूतपूर्व जीत को याद किया। उन्होंने कहा, “1999 में, भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के तहत कारगिल की ऊँची चोटियों पर अभूतपूर्व जीत हासिल की। हमारे सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को ऊँचे पहाड़ी ठिकानों से खदेड़कर तिरंगा फहराया।”
    • उन्होंने टाइगर हिल, टोलोलिंग और पॉइंट 4875 जैसे रणक्षेत्रों में सैनिकों की अदम्य साहस और दृढ़ता को याद किया, जो भारत की एकता और अखंडता की रक्षा का प्रतीक बन गया।
  3. ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को कड़ा संदेश:
    • जनरल द्विवेदी ने हाल के ऑपरेशन सिंदूर को भारत की दृढ़ता, संदेश और जवाब के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “हमने शांति का अवसर दिया, लेकिन पाकिस्तान ने कायरता दिखाई, जिसका हमने साहस के साथ जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प, संदेश और जवाब है।”
    • उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकवादी ठिकानों को बिना किसी नागरिक हानि के निशाना बनाया, जिससे आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को नष्ट किया गया।
    • जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि “जो भी भारत की संप्रभुता, अखंडता और लोगों को नुकसान पहुँचाने की साजिश करेगा, उसे भविष्य में भी करारा जवाब दिया जाएगा। यह भारत का नया सामान्य (न्यू नॉर्मल) है।”
  4. सेना का आधुनिकीकरण और भविष्य की तैयारियाँ:
    • जनरल द्विवेदी ने भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार करने की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘रुद्र’ ऑल-आर्म्स ब्रिगेड की स्थापना की घोषणा की, जिसे एक दिन पहले ही मंजूरी दी गई थी। यह ब्रिगेड पैदल सेना, मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयों, तोपखाने, विशेष बलों और ड्रोन सिस्टम को एक एकीकृत युद्धक बल में जोड़ेगी।
    • उन्होंने ‘भैरव’ लाइट कमांडो बटालियनों का जिक्र किया, जो सीमा पर दुश्मन को आश्चर्यचकित करने के लिए तैयार हैं। प्रत्येक पैदल सेना बटालियन में ड्रोन प्लाटून और तोपखाने में ‘दिव्यास्त्र’ बैटरी और लॉइटर म्यूनिशन बैटरी शामिल की गई हैं।
    • सेना की वायु रक्षा को स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों के साथ मजबूत किया जा रहा है, जो ड्रोन और मिसाइलों के खिलाफ मजबूत दीवार के रूप में काम करेगी।
  5. विकसित भारत 2047 के लिए सेना की भूमिका:
    • जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना न केवल देश की रक्षा करती है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, पर्यटन, अर्थव्यवस्था और वेटरन वेलफेयर में योगदान देती है। उन्होंने लद्दाख का उदाहरण देते हुए कहा कि हजारों सैनिक और वेटरन इस क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं।
    • उन्होंने 1.3 करोड़ सैनिकों, उनके परिवारों, वेटरन्स और शहीदों के परिवारों को राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी ताकत बताया।
    • उन्होंने युवा कैडेट्स और छात्रों से आह्वान किया कि वे सेवा, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा या उद्यमिता के माध्यम से देश की सेवा करें।
  6. कारगिल विजय दिवस: राष्ट्रीय उत्सव:
    • जनरल द्विवेदी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस केवल एक सैन्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि पूरे देश का उत्सव है।
    • उन्होंने 2024 में शिंकु ला सुरंग के निर्माण कार्य की शुरुआत का उल्लेख किया, जो पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रजत जयंती समारोह के दौरान शुरू हुआ था।
  7. नए प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ:
    • जनरल द्विवेदी ने तीन नई पहलों की शुरुआत की:
      • ई-श्रद्धांजलि पोर्टल: शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक ऑनलाइन मंच।
      • क्यूआर कोड-आधारित ऑडियो गेटवे: 1999 के कारगिल युद्ध की कहानियों को सुनने के लिए।
      • इंडस व्यूपॉइंट: बटालिक सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) तक आगंतुकों को ले जाने की सुविधा, ताकि वे सैनिकों की सेवा की कठिनाइयों को समझ सकें।

संदेश का सार:

जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में भारत की शांति की इच्छा पर जोर दिया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भारत कमजोर नहीं है। उन्होंने कहा, “हम शांतिप्रिय हैं, लेकिन कमजोर नहीं। हम दृढ़, सतर्क और अटल हैं। हमारे शहीद हमारी प्रेरणा हैं।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की एकता और ताकत का प्रतीक बताया, जो आतंकवाद के समर्थकों को स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।

 

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