इस देश में कुत्ते और बिल्ली की जगह पाले जा रहे है शेर

थाईलैंड में पालतू शेरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। हाल के वर्षों में, थाईलैंड में लगभग 500 शेरों को चिड़ियाघरों, प्रजनन फार्मों, पेटिंग कैफे और निजी घरों में पंजीकृत किया गया है। यह चलन न केवल जानवरों और मनुष्यों के लिए खतरा पैदा कर रहा है, बल्कि अवैध व्यापार को भी बढ़ावा दे सकता है।

मुख्य बिंदु:

  1. कानूनी स्थिति: थाईलैंड में शेरों को पालना कानूनी है। 2022 से, शेरों के मालिकों को अपने पालतू शेरों को पंजीकृत करना और माइक्रोचिप लगाना अनिवार्य है। हालांकि, प्रजनन पर कोई सीमा नहीं है, और बाड़ों या कल्याण के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं हैं। शेरों के जन्म की सूचना देने के लिए मालिकों को 60 दिन का समय दिया जाता है, जो विशेषज्ञों के अनुसार अवैध गतिविधियों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
  2. सोशल मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया ने इस चलन को बढ़ावा दिया है। उदाहरण के लिए, थार्नुवर्हट प्लेंगकेमराच नामक एक टिकटॉक प्रभावशाली व्यक्ति, जो चियांग माई में रहता है, अपने दो शेरों और एक 200 किलोग्राम के शेर-बाघ संकर (लाइगर) “बिग जॉर्ज” की तस्वीरें और वीडियो साझा करता है। उनके लगभग 30 लाख फॉलोअर्स हैं, जो इस प्रवृत्ति को और लोकप्रिय बना रहे हैं।
  3. प्रजनन और व्यापार: थाईलैंड में शेरों का प्रजनन एक बड़ा व्यवसाय बन गया है। एक प्रजनक, पथमावदी जनपिथक, जो पहले मगरमच्छ का व्यापार करती थीं, अब अपने तीन सुविधा केंद्रों में लगभग 80 शेरों का प्रजनन करती हैं। वे एक महीने के शावकों को लगभग 500,000 baht (लगभग 12 लाख रुपये) में बेचती हैं, हालांकि पहले यह कीमत 800,000 baht तक थी। बढ़ती आपूर्ति के कारण कीमतें कम हो रही हैं।
  4. स्वास्थ्य और कल्याण संबंधी चिंताएं: सफेद शेर, जो आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण लोकप्रिय हैं, इनब्रीडिंग (निकट संबंधी प्रजनन) के कारण अक्सर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। पथमावदी के अनुसार, कुछ शावक जन्म के बाद से ही बीमार रहते हैं और प्रजनन के लिए अनुपयुक्त होते हैं। इसके अलावा, कई शेरों को अपर्याप्त परिस्थितियों में रखा जाता है, जिससे उनकी सेहत और कल्याण प्रभावित होता है।
  5. सुरक्षा और अवैध व्यापार: विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रवृत्ति जानवरों और मनुष्यों दोनों के लिए खतरनाक है। कुछ शेर कैफे और निजी मालिकों से जब्त किए गए हैं क्योंकि उनके पास उचित कागजात नहीं थे। टॉम टेलर, वाइल्डलाइफ फ्रेंड्स फाउंडेशन थाईलैंड के मुख्य परिचालन अधिकारी, ने चेतावनी दी है कि 2018 में 130 शेरों की तुलना में 2024 तक यह संख्या 450 तक पहुंच गई है, और लगभग 350 अन्य शेरों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे अवैध व्यापार की आशंका बढ़ती है, क्योंकि कुछ व्यापारी शेरों को सीमा पार ले जाने की बात करते हैं।
  6. सरकारी चुनौतियां: थाईलैंड के राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव और पौध संरक्षण विभाग (DNP) के लिए बढ़ती शेरों की आबादी एक समस्या है। वन्यजीव संरक्षण निदेशक सादुदी पुनपुगदी ने स्वीकार किया कि निजी स्वामित्व लंबे समय से मौजूद है, और वे धीरे-धीरे नियमों को कड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, जब्त किए गए शेरों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार पर आती है, जो एक महंगी प्रक्रिया है।
  7. विशेषज्ञों की राय: वन्यजीव विशेषज्ञ और संरक्षणवादी इस प्रवृत्ति को “पूर्ण पागलपन” मानते हैं। टॉम टेलर और WWF थाईलैंड की पेंथाई सिरीवट का कहना है कि शेरों को जंगल में रहना चाहिए, न कि पालतू जानवर के रूप में। वे सख्त नियमों और निजी स्वामित्व पर प्रतिबंध की मांग करते हैं।

निष्कर्ष:

थाईलैंड में शेरों को पालने की बढ़ती लोकप्रियता, विशेष रूप से सोशल मीडिया और प्रजनन व्यवसायों द्वारा प्रेरित, जानवरों के कल्याण, सार्वजनिक सुरक्षा और अवैध व्यापार के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। हालांकि सरकार कुछ कदम उठा रही है, विशेषज्ञों का मानना है कि बिना सख्त नियमों और संभावित प्रतिबंध के, अगले दस वर्षों में स्थिति और खराब हो सकती है।

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