इंडसइंड बैंक ने वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में अपने शुद्ध मुनाफे में 72% की भारी गिरावट दर्ज की, जो 604 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 2,171 करोड़ रुपये था। इस गिरावट का प्रमुख कारण रिटेल लोन्स के लिए उच्च प्रावधान, कोर और गैर-कोर संचालन से कम आय, और लोन बुक में संकुचन रहा।
मुख्य बिंदु:
- नेट इंटरेस्ट इनकम (NII): अप्रैल-जून तिमाही में NII 14% की गिरावट के साथ 4,640 करोड़ रुपये रही, जो लोन बुक में कमी के कारण थी। हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही आधार पर इसमें 52% की वृद्धि हुई।
- अन्य आय: यह 12% की कमी के साथ 2,157 करोड़ रुपये रही।
- प्रावधान और आकस्मिकताएं: Q1 FY26 में प्रावधान 68% बढ़कर 1,760 करोड़ रुपये हो गए, हालांकि तिमाही-दर-तिमाही आधार पर यह 30% कम था।
- एसेट क्वालिटी: सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) जून तिमाही के अंत में 3.64% हो गईं, जो मार्च तिमाही में 3.13% थीं। ताजा फिसलन (fresh slippages) 2,567 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 2,322 करोड़ रुपये रिटेल लोन्स से संबंधित थे।
लोन और जमा:
- बैंक की अग्रिम बुक (advances book) में 4% की साल-दर-साल और 3% की तिमाही-दर-तिमाही कमी आई, जो 3.33 लाख करोड़ रुपये रही।
- वाहन लोन (29% लोन बुक का हिस्सा) में 7% की वृद्धि हुई, जबकि माइक्रोफाइनेंस बुक में 23% और कॉर्पोरेट बुक में 16% की कमी आई।
- जमा राशि मामूली रूप से घटकर 3.97 लाख करोड़ रुपये रही। करंट और सेविंग्स अकाउंट (CASA) जमा का हिस्सा 37% से घटकर 31% हो गया।
प्रबंधन का बयान: इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा, “इस तिमाही में हमारा ध्यान संस्थान में विश्वास बहाल करने और सभी कोर व्यवसायों के निरंतर निष्पादन पर था। पिछले तिमाही की अनियमितताओं का वित्तीय प्रभाव अब पीछे छूट गया है।” बैंक ने डेरिवेटिव्स और माइक्रोफाइनेंस खंडों में लेखांकन विसंगतियों को ठीक करने के लिए कदम उठाए हैं।
ब्रोकरेज राय:
- बर्नस्टीन ने ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखी, लेकिन लक्ष्य मूल्य 1,000 रुपये रखा, यह कहते हुए कि निकट अवधि में लाभप्रदता के लिए स्पष्ट लीवर की कमी है।
- मोतीलाल ओसवाल ने ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी, लक्ष्य मूल्य को 800 रुपये से बढ़ाकर 830 रुपये किया, और FY26/FY27 के लिए आय अनुमानों में 2.6%/2.3% की वृद्धि की।