चीन में फेस रेकग्निशन डेटा की बिक्री के बारे में ठोस और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की राय के आधार पर इस विषय पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु सामने आते हैं।
- चीन में फेस रेकग्निशन तकनीक का व्यापक उपयोग: चीन में फेस रेकग्निशन तकनीक का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है, विशेष रूप से सरकारी निगरानी प्रणालियों, सुरक्षा, और सामाजिक क्रेडिट सिस्टम में। यह तकनीक सार्वजनिक स्थानों, जैसे रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, और यहां तक कि कुछ निजी व्यवसायों में भी लागू की जाती है। इससे लाखों लोगों का डेटा एकत्र किया जाता है।
- डेटा बिक्री की संभावना:कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन में निजी कंपनियां और कुछ सरकारी संस्थाएं फेस रेकग्निशन डेटा को एकत्र करने के बाद इसे तीसरे पक्ष के साथ साझा करती हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ चीनी कंपनियां भारतीयों के निजी डेटा को एकत्र कर रही थीं, जिसमें फेस रेकग्निशन डेटा भी शामिल हो सकता है। यह डेटा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय हो सकता है। हालांकि, यह पुष्टि करना मुश्किल है कि यह डेटा खुले तौर पर बाजार में “बेचा” जा रहा है या नहीं। कई बार यह डेटा कंपनियों के बीच साझा किया जाता है, लेकिन इसे खुले बाजार में बिक्री के रूप में लेबल करना जटिल है।
- निजता और डेटा सुरक्षा के मुद्दे:चीन में डेटा सुरक्षा को लेकर सख्त कानून हैं, जैसे कि पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन लॉ (PIPL), जो 2021 में लागू हुआ। यह कानून डेटा संग्रह और साझा करने पर कुछ प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की निगरानी और डेटा तक पहुंच के कारण, निजी डेटा का दुरुपयोग या अनधिकृत साझा होने की आशंका बनी रहती है। कुछ मामलों में, जैसे कि टिकटॉक, शीन, और शाओमी जैसी कंपनियों पर आरोप लगे हैं कि वे यूरोपीय और अन्य देशों के उपयोगकर्ताओं का डेटा चीन भेज रही हैं। इसमें फेस रेकग्निशन डेटा भी शामिल हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि सीमित है।
- अंतरराष्ट्रीय चिंताएं:कई देशों, जैसे भारत और यूरोपीय संघ, ने चीनी कंपनियों पर डेटा ट्रांसफर और गोपनीयता उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में न्यूज़18 की एक रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ फाइल मैनेजर ऐप्स उपयोगकर्ताओं का डेटा चीन भेज रहे थे। फेस रेकग्निशन डेटा विशेष रूप से संवेदनशील होता है, क्योंकि यह बायोमेट्रिक जानकारी है, जिसका दुरुपयोग पहचान चोरी या निगरानी के लिए किया जा सकता है।
- चीन की सरकार और डेटा नियंत्रण:चीन में डेटा साझा करने या बेचने की प्रक्रिया अक्सर सरकारी नियंत्रण में होती है। वहां की कंपनियों को कानूनन सरकार के साथ डेटा साझा करना पड़ सकता है। इसलिए, अगर फेस रेकग्निशन डेटा की बिक्री हो रही है, तो यह संभवतः सरकार की निगरानी में या अप्रत्यक्ष रूप से हो रही होगी।
निष्कर्ष: हालांकि यह पुष्टि नहीं की जा सकती कि चीन में फेस रेकग्निशन डेटा खुले तौर पर बेचा जा रहा है, लेकिन डेटा साझा करने और संभावित दुरुपयोग की खबरें समय-समय पर सामने आती रही हैं। विशेष रूप से चीनी कंपनियों पर निजी डेटा, जिसमें बायोमेट्रिक डेटा शामिल हो सकता है, को अनुचित तरीके से साझा करने के आरोप लगे हैं। इस विषय पर और अधिक जानकारी के लिए विश्वसनीय स्रोतों, जैसे अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों और डेटा गोपनीयता संगठनों की रिपोर्ट्स, का अध्ययन करना चाहिए।