आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग के कारण भारत की आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को अपस्किल करने की चेतावनी दे रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जो कर्मचारी नए कौशल नहीं सीखेंगे, उनकी नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। हाल के महीनों में कई बड़ी कंपनियों ने छंटनी की है, जिसका प्रमुख कारण AI का प्रभाव माना जा रहा है। उदाहरण के लिए, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने हाल ही में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की, जो इसकी कुल वर्कफोर्स का 2% है।
AI से प्रभावित नौकरियां:
- माइक्रोसॉफ्ट की एक स्टडी के अनुसार, इंटरप्रेटर्स, ट्रांसलेटर्स, एडिटर्स, डेटा साइंटिस्ट, और कस्टमर सर्विस प्रोफेशनल्स जैसी भूमिकाएं AI से प्रभावित हो सकती हैं।
- कोडिंग, HR डॉक्यूमेंट्स, ईमेल रिस्पॉन्स, और मैनुअल टास्क-आधारित नौकरियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं।
- अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, और इंटेल जैसी कंपनियों में ऑटोमेशन के कारण प्रिंसिपल-लेवल, इंजीनियरिंग, और सपोर्ट रोल्स में छंटनी देखी गई है।
कंपनियों की रणनीति:
- कई कंपनियां कर्मचारियों को AI प्रशिक्षण दे रही हैं ताकि वे भविष्य की मांगों को पूरा कर सकें।
- नैसकॉम ने स्किलिंग, अपस्किलिंग, और क्रॉस-स्किलिंग को भविष्य के लिए जरूरी बताया है।
- विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि कर्मचारियों को डिजिटल, डेटा एनालिटिक्स, कम्युनिकेशन, और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में कौशल बढ़ाना चाहिए।
कर्मचारियों के लिए सलाह:
- AI को प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि सहायक के रूप में देखें। इसे रिसर्च और डेटा एनालिसिस जैसे कार्यों में उपयोग करें।
- इमोशनल इंटेलिजेंस और टीमवर्क जैसे मानवीय कौशल विकसित करें, क्योंकि AI इनमें कमजोर है।
- नियमित रूप से नए तकनीकी कौशल सीखें ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहें।
चुनौतियां:
- भारत में डिजिटल प्रतिभा की कमी एक बड़ी समस्या है। 2028 तक डिजिटल कौशल की मांग और आपूर्ति में 28-29% की कमी हो सकती है।
- कुछ कंपनियां AI के प्रभाव को स्वीकार नहीं कर रही हैं, जिससे कर्मचारियों में अनिश्चितता बढ़ रही है।