महिंद्रा रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी को दूर करने के लिए इंजीनियरिंग उपाय करेगा: ग्रुप सीएफओ

महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारत की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी, ने रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से निपटने के लिए इंजीनियरिंग उपायों और वैकल्पिक सोर्सिंग रणनीतियों को अपनाने की योजना बनाई है। कंपनी के ग्रुप मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अमरज्योति बरुआ ने कहा है कि अगले नौ महीनों के लिए वैकल्पिक सोर्सिंग चैनलों के माध्यम से रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति प्रबंधित की जाएगी, और कंपनी मध्यम और दीर्घकालिक इंजीनियरिंग समाधानों पर काम कर रही है। यह कदम चीन द्वारा रेयर अर्थ मैग्नेट पर निर्यात प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं के जवाब में उठाया गया है, जो ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों को प्रभावित कर रहा है।

रेयर अर्थ मैग्नेट का महत्व

रेयर अर्थ मैग्नेट, विशेष रूप से नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन (NdFeB) मैग्नेट, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के ट्रैक्शन मोटर्स और पावर स्टीयरिंग सिस्टम जैसे उच्च-प्रदर्शन ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण हैं। ये मैग्नेट अपनी ताकत और दक्षता के लिए जाने जाते हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों, हाइब्रिड वाहनों, और यहां तक कि पारंपरिक इंटरनल कम्बशन इंजन (आईसीई) वाहनों में भी उपयोग किए जाते हैं।

महिंद्रा की रणनीति

महिंद्रा ने कहा है कि उसने वित्तीय वर्ष 2026 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) के लिए पर्याप्त इन्वेंट्री सुनिश्चित की है और उत्पादन में कोई तत्काल व्यवधान नहीं होगा। कंपनी निम्नलिखित उपायों पर ध्यान दे रही है:

  1. वैकल्पिक सोर्सिंग: महिंद्रा जापान, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम और अमेरिका जैसे देशों से वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रही है।
  2. इंजीनियरिंग समाधान: कंपनी लाइट रेयर अर्थ तत्वों और फेराइट सामग्रियों जैसे विकल्पों का उपयोग करके मैग्नेट-मुक्त मोटर डिज़ाइनों की खोज कर रही है।
  3. स्थानीय उत्पादन की खोज: महिंद्रा और ऑटो पार्ट्स निर्माता यूएनओ मिंडा स्थानीय रेयर अर्थ मैग्नेट उत्पादन की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहन योजनाओं (जैसे प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम) और स्थानीय सोर्सिंग को बढ़ावा देने के प्रयासों का समर्थन किया जा रहा है।
  4. आपूर्ति श्रृंखला को डी-रिस्क करना: महिंद्रा पूरी तरह से असेंबल्ड पार्ट्स की सोर्सिंग, वैकल्पिक सामग्रियों की खोज, और भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता सोसाइटी (SIAM) और भारत सरकार के साथ मिलकर प्रमाणन को तेज करने पर काम कर रही है।

चीन पर निर्भरता और चुनौतियां

चीन वैश्विक रेयर अर्थ मैग्नेट का लगभग 90% उत्पादन और 70% से अधिक रिफाइनिंग क्षमता नियंत्रित करता है। अप्रैल 2025 में चीन द्वारा सात रेयर अर्थ तत्वों और तैयार मैग्नेट पर सख्त निर्यात नियंत्रण लागू करने से भारतीय उद्योगों में आपूर्ति की कमी हो गई है। इन्वेंट्री जुलाई 2025 तक समाप्त होने की आशंका है, जिससे ऑटोमोबाइल उद्योग, विशेष रूप से ईवी सेगमेंट, प्रभावित हो सकता है।

महिंद्रा की स्थिति

महिंद्रा ने स्पष्ट किया है कि उसके पास अगले दो तिमाहियों के लिए पर्याप्त इन्वेंट्री है और चौथी तिमाही के लिए भी “ज्यादातर कवर” है। कंपनी के सीईओ राजेश जेजुरीकर ने कहा कि आपूर्ति जोखिमों को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा, महिंद्रा ने हाल ही में दो इलेक्ट्रिक एसयूवी, XEV9e और BE6, लॉन्च किए हैं, जिससे रेयर अर्थ मैग्नेट की मांग बढ़ी है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 32% की लाभ वृद्धि (3,450 करोड़ रुपये) और 26% की राजस्व वृद्धि (34,143 करोड़ रुपये) दर्ज की, जो मजबूत एसयूवी और ट्रैक्टर मांग से प्रेरित है।

दीर्घकालिक रणनीति

महिंद्रा दीर्घकालिक समाधानों पर ध्यान दे रही है, जिसमें स्थानीय उत्पादन क्षमता का विकास और रेयर अर्थ मैग्नेट रीसाइक्लिंग हब स्थापित करना शामिल है। भारत सरकार 500-1,500 टन वार्षिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहन योजनाएं शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें स्थानीय नियोडिमियम-प्रासियोडिमियम ऑक्साइड की सोर्सिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, भारत ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम और म्यांमार जैसे देशों के साथ खनन साझेदारी को बढ़ा रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top