ट्रम्प के 25% टैरिफ से भारत के आभूषण उद्योग पर संकट

 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 अगस्त 2025 से भारतीय आयात पर 25% टैरिफ की घोषणा की है, जिसका भारत के रत्न और आभूषण उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका है। उद्योग के नेताओं ने चेतावनी दी है कि इससे 1 लाख से अधिक नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। यह टैरिफ भारत के $9.9 बिलियन (लगभग ₹83,000 करोड़) के आभूषण निर्यात को प्रभावित करेगा, जिसमें अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है, जो कुल निर्यात का लगभग 30% हिस्सा रखता है।

उद्योग की चिंताएं:

  • हस्तनिर्मित आभूषण पर असर: ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने कहा, “हस्तनिर्मित आभूषणों का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। ये उत्पाद अब अमेरिका में स्वीकार्य या बिक्री योग्य नहीं रह सकते।”
  • पहले के टैरिफ का अनुभव: रोकड़े ने बताया कि पहले 10% टैरिफ के कारण लगभग 50,000 कर्मचारी बेरोजगार हुए थे। नए 25% टैरिफ से यह संख्या दोगुनी होकर 1 लाख से अधिक हो सकती है।
  • कामा ज्वैलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा, “अमेरिका हमारा प्रमुख निर्यात गंतव्य है। यह टैरिफ रत्न और आभूषण जैसे निर्यात-निर्भर क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।” उन्होंने रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनावों को भी उद्योग के लिए पहले से मौजूद चुनौतियों के रूप में उल्लेख किया।

आर्थिक प्रभाव:

  • निर्यात में कमी: अमेरिका भारत के आभूषण निर्यात का लगभग 28-30% हिस्सा लेता है। 25% टैरिफ से भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता कम होगी, जिससे ऑर्डर कम हो सकते हैं या देरी हो सकती है।
  • प्रतिस्पर्धा का नुकसान: वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देश, जिन पर 20% या उससे कम टैरिफ लागू है, अमेरिकी बाजार में भारत की हिस्सेदारी छीन सकते हैं।
  • आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव: जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) ने चेतावनी दी कि यह टैरिफ लागत बढ़ाएगा, शिपमेंट में देरी करेगा और मूल्य निर्धारण को बिगाड़ेगा, जिससे छोटे कारीगरों से लेकर बड़े निर्माताओं तक पूरी मूल्य श्रृंखला प्रभावित होगी।

वैकल्पिक बाजार और उम्मीदें:

  • रोकड़े ने सुझाव दिया कि भारत यूरोपीय संघ और मध्य पूर्व जैसे वैकल्पिक बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, जहां पहले भी निर्यात बढ़ाया गया है।
  • उद्योग अगस्त के अंत में होने वाली भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते की छठी दौर की वार्ता पर नजर रखे हुए है, जिसमें टैरिफ में राहत की उम्मीद है।

सरकारी प्रतिक्रिया:

  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत ने सभी हितधारकों, विशेष रूप से निर्यातकों के साथ चर्चा शुरू की है। उन्होंने ट्रम्प के “मृत अर्थव्यवस्था” वाले बयान का जवाब देते हुए कहा कि भारत पिछले एक दशक में ‘फ्रैजाइल फाइव’ से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है।
  • भारतीय सरकार ने टैरिफ के प्रभाव को कम करके आंका और कहा कि $85 बिलियन के कुल निर्यात में से आधे से अधिक अप्रभावित रह सकते हैं। सरकार ने कृषि, डेयरी और आनुवंशिक रूप से संशोधित उत्पादों पर किसी भी टैरिफ छूट से इनकार किया।

 

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