Chengdu J-20 फाइटर जेट

चेंगदू जे-20, जिसे माइटी ड्रैगन (Mighty Dragon) या NATO कोडनेम फैगिन (Fagin) के नाम से भी जाना जाता है।

  • रिलीज डेट (सेवा में प्रवेश): मार्च 2017
  • भाषा/उपयोग क्षेत्र: चीनी वायु सेना (People’s Liberation Army Air Force – PLAAF) के लिए डिज़ाइन किया गया।
  • शैली (प्रकार): पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट, एयर सुपीरियॉरिटी (हवाई वर्चस्व) और प्रिसीजन स्ट्राइक (सटीक हमला) क्षमता वाला।
  • निर्माता: चेंगदू एयरोस्पेस कॉरपोरेशन (Chengdu Aerospace Corporation), चीन।
  • निर्देशक/डिज़ाइनर: मुख्य डिज़ाइनर यांग वेई, चेंगदू एयरक्राफ्ट डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (CADI) के नेतृत्व में।
  • लेखक/प्रोग्राम: J-XX प्रोग्राम (1990 के दशक से शुरू), जिसके तहत प्रोजेक्ट 718 को 2008 में PLAAF ने मंजूरी दी थी।
  • सिनेमैटोग्राफी (तकनीकी विशेषताएँ): डिज़ाइन: कम रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) के लिए स्टील्थ डिज़ाइन, कैनार्ड डेल्टा कॉन्फिगरेशन, डायवर्टरलेस सुपरसोनिक इनलेट (DSI), और V-आकार का टेल। कॉकपिट: बबल कैनोपी, दो लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (LCD), हेड-अप डिस्प्ले (HUD), और हैंड्स-ऑन-थ्रॉटल-एंड-स्टिक (HOTAS) सिस्टम। एवियोनिक्स: JLJ-5 AESA रडार, मल्टी-स्पेक्ट्रल सेंसर, और उन्नत सेंसर फ्यूजन सिस्टम।
  • इंजन: ho Respected मॉडल में रूसी सैटर्न AL-31F इंजन या WS-10G का उपयोग। बाद के मॉडल में स्वदेशी WS-10C इंजन (सेरेटेड नोजल के साथ स्टील्थ बढ़ाने के लिए) और WS-15 इंजन (थ्रस्ट वेक्टरिंग के साथ)। नवीनतम अपडेट (2023): WS-15 इंजन का सीरियल प्रोडक्शन शुरू, जो सुपरक्रूज़ और थ्रस्ट वेक्टरिंग क्षमता प्रदान करता है।
  • प्रोड्यूसर (वित्तपोषण): चीनी सरकार और PLAAF द्वारा समर्थित, चेंगदू एयरोस्पेस कॉरपोरेशन द्वारा निर्मित।
  • प्रोडक्शन: पहली उड़ान: 11 जनवरी 2011 आधिकारिक प्रदर्शन: 2016 चाइना इंटरनेशनल एविएशन एंड एयरोस्पेस प्रदर्शनी प्रारंभिक परिचालन क्षमता (IOC): 2017-2018 पहली कॉम्बैट यूनिट: फरवरी 2018 उत्पादन: 2025 तक अनुमानित 250-350 विमान, 12 वायु ब्रिगेड में तैनात।

विवरण: चेंगदू जे-20 चीन का पहला स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे हवाई वर्चस्व और सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह J-XX प्रोग्राम (1990 के दशक) से विकसित हुआ, जिसका प्रोजेक्ट 718 चेंगदू को 2008 में सौंपा गया। इसका डिज़ाइन अमेरिकी F-22 रैप्टर और F-35 से प्रेरित माना जाता है, हालांकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें F-117 नाइटहॉक की तकनीक भी शामिल हो सकती है, जो 1999 में बोस्निया-कोसोवो युद्ध में सर्बिया में गिराए गए विमान के मलबे से प्राप्त हुई।

मुख्य विशेषताएँ:

  • स्टील्थ: कम रडार क्रॉस-सेक्शन, आंतरिक हथियार बे, और सेंसर फ्यूजन तकनीक। हालाँकि, कुछ विशेषज्ञ इसकी स्टील्थ क्षमता को F-22 और F-35 से कम मानते हैं, विशेष रूप से शुरुआती मॉडल्स में गोल नोजल और सतह की खामियों (जैसे रिवेट्स और पैनल सीम्स) के कारण।
  • हथियार: मुख्य हथियार बे में 4 PL-15 मध्यम से लंबी दूरी की हवा-से-हवा मिसाइलें (124 मील तक की रेंज)। दो साइड बे में PL-10 शॉर्ट-रेंज हवा-से-हवा मिसाइलें। बाहरी पायलन्स पर 8 PL-15 मिसाइलें ले जा सकता है (‘बीस्ट मोड’ कॉन्फिगरेशन), लेकिन इससे स्टील्थ कम हो जाता है। PL-21 लंबी दूरी की मिसाइलें (300-400 किमी) और हवा-से-ज़मीन मिसाइलें। आंतरिक तोप (क्लोज रेंज कॉम्बैट के लिए)।
  • प्रदर्शन: अधिकतम गति: माक 2.0 (लगभग 2,223 किमी/घंटा)। रेंज: 3,400 किमी। सर्विस सीलिंग: 20,000 मीटर। चढ़ाई दर: 304 मीटर/सेकंड।
  • वेरिएंट्स: J-20A: प्रारंभिक प्रोडक्शन मॉडल (AL-31F या WS-10G इंजन)। J-20B: थ्रस्ट वेक्टरिंग के साथ WS-10C इंजन, 2020 में उत्पादन शुरू। J-20S: दो-सीट वाला वेरिएंट (2021 में देखा गया), जो ड्रोन या अन्य विमानों के साथ नेटवर्किंग के लिए डिज़ाइन किया गया।
  • तकनीकी प्रगति: नवीनतम J-20 में सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) आधारित AESA रडार, जो डिटेक्शन रेंज को तीन गुना बढ़ाता है। WS-15 इंजन (2023 से सीरियल प्रोडक्शन) सुपरक्रूज़ और बेहतर स्टील्थ प्रदान करता है। कैनार्ड और डेल्टा विंग डिज़ाइन, जो उच्च कोण पर स्थिरता और गतिशीलता प्रदान करता है।

विवाद और तुलना:

  • J-20 को अक्सर अमेरिकी F-22 और F-35 से तुलना की जाती है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इसे तकनीकी रूप से कम उन्नत मानते हैं, खासकर इंजन विश्वसनीयता और पायलट प्रशिक्षण में।
  • भारतीय राफेल (4.5वीं पीढ़ी) के साथ तुलना में, J-20 की मिसाइल रेंज (PL-15, PL-21) बेहतर है, लेकिन राफेल का कॉम्बैट अनुभव, एवियोनिक्स, और हथियार लोड इसे क्लोज कॉम्बैट में बढ़त देता है।
  • कुछ X पोस्ट्स में इसे “खतरनाक” बताया गया, जबकि अन्य इसे “अतिशयोक्तिपूर्ण” मानते हैं, क्योंकि इसका युद्ध में अभी तक परीक्षण नहीं हुआ।

वर्तमान स्थिति:

  • 2025 तक, J-20 को PLAAF की 12 ब्रिगेड में तैनात किया गया है, और यह भारत-चीन सीमा (सिक्किम, शिगात्से हवाई अड्डा) पर देखा गया है।
  • यह विमान चीन की सैन्य आधुनिकीकरण का प्रतीक है, लेकिन इसकी स्टील्थ और प्रदर्शन पर सवाल उठते हैं, खासकर रिवेट्स और पैनल सीम्स जैसे डिज़ाइन दोषों के कारण।
  • अंतरराष्ट्रीय बिक्री में रुचि कम है, क्योंकि भारत जैसे देश स्वदेशी तेजस और अन्य सहयोगी तकनीकों पर ध्यान दे रहे हैं।

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