मुंबई नगर निगम (BMC) ने  रेस्तरां और ढाबों को नोटिस जारी किया है

मुंबई नगर निगम (BMC) ने पारंपरिक चारकोल तंदूर का उपयोग करने वाले कई रेस्तरां और ढाबों को नोटिस जारी किया है और उन्हें जुलाई तक विद्युत उपकरणों में स्विच करने का निर्देश दिया है। यदि वे इसका पालन करने में असफल रहते हैं, तो उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं, जुर्माना लगाया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

यह फैसला बॉम्बे हाईकोर्ट के 9 जनवरी 2025 के आदेश के बाद आया है, जिसमें लकड़ी, कोयला या पारंपरिक ईंधनों का उपयोग करने वाले रेस्तरां को स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों जैसे एलपीजी, पीएनजी, सीएनजी, बिजली और अन्य हरित ईंधनों में बदलने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से, बीएमसी के जी साउथ वार्ड के चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (MOH) द्वारा नोटिस जारी किए जा रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 84 खुले स्थानों में चलने वाले भोजनालयों, ढाबों, रेस्तरां, होटलों और तंदूर संचालकों को नोटिस दिए जा चुके हैं।

इस फैसले पर मुंबईकरों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं। कई लोगों ने नगर निगम पर शहर की अन्य समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। एक सोशल मीडिया यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, “मुंबई की हर सड़क को खुदाई कर ‘ग्रिल’ करने वाली बीएमसी अब चारकोल ग्रिल्स को लेकर चिंतित है। आगे क्या? हवन की अग्नि भी बैन होगी?”

एक नाराज नागरिक ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “क्या यह तीन दलों की सरकार का परिणाम है, जहाँ कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहता और केवल प्रतिबंध लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है? ऐसा लगता है कि अधिकांश निर्णय सबसे निचले स्तर के सबसे अयोग्य लोगों द्वारा लिए जा रहे हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने बीएमसी की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि उसे शहर में हो रहे अनियंत्रित निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। एक और नागरिक ने लिखा, “हाँ, क्योंकि हमारे शहर में प्रदूषण का कारण चारकोल ग्रिल्स हैं, न कि कारें और निर्माण कार्य! बीएमसी हमेशा गरीबों और हाशिए पर खड़े लोगों के खिलाफ काम करती है!”

एक अन्य यूजर ने मुंबई की सड़कों की खराब हालत को लेकर बीएमसी को घेरा और कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।

ऐसा माना जा रहा है कि कोयला तंदूर के उपयोग से वायु प्रदूषण बढ़ा है, जिसके चलते सरकार ने इस पर नियंत्रण लगाने का फैसला किया है।

बीएमसी के पर्यावरण विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में दो परिपत्र जारी किए हैं, जिन्हें 25 प्रशासनिक वार्डों के सभी MOHs को भेजा गया है। MOHs को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी प्रतिष्ठान हरित ईंधन विकल्पों का उपयोग करें। साथ ही, यह भी कहा गया है कि पारंपरिक विकल्पों को बंद करने की समयसीमा 8 जुलाई 2025 है।

तब तक, इन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लाइसेंस को SAP सिस्टम में “Not to Renew” के रूप में चिह्नित किया जाएगा। यदि वे पारंपरिक ईंधनों का उपयोग जारी रखते हैं तो उन्हें नए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे।

इससे पहले, महाराष्ट्र की पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने मुंबई की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए बीएमसी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ बैठक की थी।

Pls like share and comment 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top