केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 के दौरान मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए सेक्शन 87A के तहत कर छूट बढ़ाने की घोषणा की। इसके अनुसार, ₹12 लाख तक की शुद्ध कर योग्य आय वाले व्यक्तियों को नए कर व्यवस्था के तहत कोई कर नहीं देना होगा।
यदि कोई वेतनभोगी कर्मचारी नए कर व्यवस्था में ₹75,000 के मानक कटौती (Standard Deduction) का लाभ उठाता है, तो कर-मुक्त सीमा ₹12.75 लाख तक बढ़ जाएगी। यह पहले की ₹7 लाख की सीमा से काफी अधिक है।
कर छूट में वृद्धि का अर्थ
वित्त मंत्री ने मूल कर-मुक्त सीमा नहीं बढ़ाई है, बल्कि कर छूट की सीमा को बढ़ाया है। इसका मतलब यह है कि यदि आपकी वार्षिक आय ₹12.75 लाख से अधिक है, तो आपकी आय पर नए कर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा।
बजट ज्ञापन के अनुसार:
- सेक्शन 87A के तहत छूट की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई है।
- सेक्शन 87A के तहत अधिकतम छूट ₹25,000 से बढ़ाकर ₹60,000 कर दी गई है।
नया आयकर स्लैब (2025-26 से लागू)
आय सीमा | कर दर |
---|---|
₹4 लाख – ₹8 लाख | 5% |
₹8 लाख – ₹12 लाख | 10% |
₹12 लाख – ₹16 लाख | 15% |
₹16 लाख – ₹20 लाख | 20% |
₹20 लाख – ₹24 लाख | 25% |
₹24 लाख से अधिक | 30% |
आयकर छूट बढ़ोतरी (FY 2026-27 से लागू)
- सेक्शन 87A के तहत छूट की सीमा ₹7 लाख से ₹12 लाख कर दी जाएगी।
- अधिकतम कर छूट ₹25,000 से बढ़ाकर ₹60,000 कर दी जाएगी।
- यह छूट विशेष दर वाली आय (जैसे पूंजीगत लाभ / Capital Gains) पर लागू नहीं होगी।
नियमित आय बनाम विशेष दर वाली आय
- नियमित आय: वेतन, वेतनभोगी आय, व्यापार लाभ आदि।
- विशेष दर वाली आय: पूंजीगत लाभ आदि, जो अलग कर दरों पर कर योग्य होते हैं।
अगर मेरी आय ₹15 लाख है, तो क्या मुझे सिर्फ ₹3 लाख पर टैक्स देना होगा?
नहीं।
- ₹12 लाख तक की आय पर पूरी छूट मिलेगी, लेकिन अगर आपकी आय ₹12 लाख से अधिक हुई तो पूरी आय पर कर लगेगा।
- यानी, ₹12 लाख की छूट के बाद, बाकी आय पर नए स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा।
टैक्सपेयर्स पर प्रभाव
✔ मध्यम वर्ग को राहत:
- नए नियमों से वेतनभोगी और मध्यम वर्ग के करदाताओं को अधिक बचत करने में मदद मिलेगी।
- कर छूट का विस्तार बचत, उपभोग और निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
✔ नए कर स्लैब से लाभ:
- ₹12 लाख की आय वाले करदाता अब ₹80,000 की कर बचत का लाभ उठा सकते हैं।
- ₹18 लाख की आय पर ₹70,000 की कर कटौती होगी।
- ₹25 लाख की आय पर ₹1.10 लाख की कर बचत होगी।
✔ सरकार को संभावित राजस्व नुकसान:
- प्रत्यक्ष करों में ₹1 लाख करोड़ का घाटा।
- अप्रत्यक्ष करों में ₹2,600 करोड़ का नुकसान।
निष्कर्ष
✅ ₹12 लाख तक की आमदनी वालों के लिए कोई टैक्स नहीं।
✅ टैक्स स्लैब में कमी से ₹25 लाख तक के कमाने वालों को भी राहत मिलेगी।
✅ पुरानी और नई कर व्यवस्था में तुलना कर अपने लिए सही विकल्प चुनें।
✅ विशेष आय (Capital Gains) पर यह छूट लागू नहीं होगी।
सरकार का उद्देश्य: मध्यम वर्ग की कर देनदारी को कम करना, उनकी क्रय शक्ति को बढ़ाना, और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना।
सौजन्य से Business Standard